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Tuesday, October 2

10 Study Tips in Hindi | पढाई में अव्वल कैसे बनें : पढ़ाई में सफलता के “10 रामबाण सूत्र”

10 Study Tips in Hindi | पढाई में अव्वल कैसे बनें : पढ़ाई में सफलता के “10 रामबाण सूत्र”



पूरे देश में स्कूल की वार्षिक परीक्षा और बोर्ड की परीक्षा का मौसम शुरू हो चुका है, Exam के नजदीक आते ही Students तनाव में आ जाते हैं । तनाव के इस दौर में वे सभी याद पाठों को भी भूलने लगते हैं, परिणामस्वरूप ऐसे में स्टूडेंट्स एक अनजाने भय से ग्रसित हो जाते हैं ।
इस सबकी वजह Students का उचित गाइडेंस नहीं हो पाना है । पेरेंट्स और टीचर्स स्टूडेंट्स से अव्वल नतीजे की उम्मीद तो करते हैं परन्तु उन्हें अव्वल होने के लिए मानसिक तौर पर तैयार करने में लगभग असफल रहते हैं ।
पढ़ाई में अव्वल होने के लिए एक तरफ जहाँ स्टूडेंट्स को खुद प्रयास करने होंगे वहीँ उसके माता-पिता और टीचर्स को भी मनोवैज्ञानिक तौर पर तैयार करना होगा ।
स्टूडेंट्स की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हम यहां उनके लिए एक विशेष आर्टिकल लेकर आए हैं जिसमें 10 बेहतरीन Study Tips दे रहे है जिसको पढ़ने के बाद और उसके अनुसार Exam की तैयारी करने पर वे बिना किसी तनाव के सफलता के शिखर को छू सकते हैं ।

पढ़ाई में सफलता के “10 रामबाण सूत्र”

Study Tips: 1) हमेशा पॉजिटिव सोचें:

Students अपनी सोच हमेशा सकारात्मक यानि Positive दिशा में रखें । कहा गया है कि आत्मविश्वास सफलता की पहली सीढ़ी है, परीक्षा में क्या होगा? कैसे सवाल आएंगे? कहीं याद किया हुआ पाठ भूल न जाऊ? सवाल आसान होंगे या कठिन? ऐसे कई सवाल स्टूडेंट्स के मन में परीक्षा से पहले स्वाभाविक तौर पर उभरते रहते हैं ।
यहीं पर आत्मविश्वास (Self-confidence) की सबसे बड़ी जरूरत होती है, जिसका आत्मविश्वास डिग गया समझो वह पहले ही हार मान गया । इसलिए सफलता (Success) के लिए जरूरी है कि पहले अपने आत्मविश्वास को मजबूत करें और पॉजिटिव सोच रखें ।

Study Tips: 2) लक्ष्य तय करें:

जीवन में सफल होने के लिए एक स्टूडेंट के लिए जरूरी है कि वह एक बड़ा लक्ष्य (Goal) तय करे । केवल पढ़ाई से ही सफलता नहीं मिल जाती है, परीक्षा में टॉप आने के लक्ष्य के साथ भविष्य में उसे क्या बनना है, इसका भी लक्ष्य स्टूडेंट को पहले से ही तय कर लेना चाहिए ।
लक्ष्य पहले से तय होने पर आप अपनी Exam की तैयारी एक क्रमबद्ध तरीके से कर सकते हैं, जैसे कि जिस विषय में आप कमजोर हैं उसके लिए अतिरिक्त समय का निकालना या फिर बेहतर अंक पाने के लिए अतिरिक्त मेहनत (Hard work) करना आदि । यह सब तभी संभव है जब आप अपने लक्ष्य (Goal) को पहले से ही तय कर लेते हैं ।

Study Tips: 3) पढ़ने के लिए सही जगह चुनें:

जब तक आपके आस-पास का वातावरण अनुकूल नहीं होगा तब तक आपका पढ़ने में मन नहीं लग सकता है ।
इसलिए जरूरी है कि आप पढ़ाई के अनुकूल परिवेश का चुनाव करें । मसलन ऐसी जगह चुनें जहाँ का वातावरण शांत हो, वहां न तो ज्यादा गर्मी हो और न ही ठंड हो, किताबें करीने से रखीं हों, बैठने के लिए सुविधाजनक कुर्सी हो और पढ़ने के लिए टेबल ।
ऐसे वातावरण में आप जहाँ सुकून महसूस करेंगे वहीँ आपका दिमाग भी तीव्र गति से चलेगा और पाठ आपको जल्दी याद हो सकेगा ।

Study Tips: 4) ध्यान बांटने वाली चीजों को दूर रखें:

अगर आप पढ़ाई में अच्छा करना चाहते हैं और हमेशा टॉप पर रहना चाहते हैं तो कम से कम Exam के दिनों में आपको अपने कुछ प्रिय चीजों को अपने से दूर रखना होगा, जैसे मोबाइल फ़ोन, टेलीविज़न आदि ।
आज के समय में ये ऐसी आवश्यक चीजें हो गई हैं जिनकी गिरफ्त में हम सभी आ गए हैं । मोबाइल फ़ोन पर सोशल मीडिया जैसे WhattsApp, Facebook, ट्विटर आदि हम सभी के जीवन का एक हिस्सा बन चुका है । टेलीविज़न पर आने वाले ढेरों प्रोग्राम हमें आकर्षित करते हैं, इन सब पे लगे रहना समय की बर्बादी है ।
Students को खासकर इन चीजों की लत नहीं लगनी चाहिए, अगर आपको परीक्षा में अच्छे अंक लाने हैं और भविष्य को सुनहरा बनाना है तो पढ़ाई के दिनों में इन सबसे दूरी बनाना बेहतर होगा ।
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Study Tips: 5) अनुशासन में रहें:

एक स्टूडेंट्स के जीवन में अनुशासन का बहुत ही अधिक महत्व होता है, जब आप अनुशासित रहेंगे तो कठिन से कठिन काम को करने में भी आप मुश्किल महसूस नहीं करेंगे ।
पढ़ने के लिए एक टाइम टेबल बनाएं, इससे आप अनुशासित रहेंगे । जब भी आपका ध्यान पढ़ाई से भटके तो आप अपने मन को कड़ा करके वापस पढ़ाई पर ध्यान लगाएं, ध्यान लगाना आपके अनुशासित जीवन में बहुत ही अधिक सहायक सिद्ध हो सकता है ।

Study Tips: 6) एक अन्तराल पर मन और दिमाग को आराम दें:

लगातार पढ़ते रहना भी अच्छा नहीं है । पढ़ाई के दौरान बीच-बीच में कुछ समय के लिए ब्रेक भी लेते रहना चाहिए, साथ ही किसी एक विषय को भी लम्बे समय तक पढ़ते रहने से मन ऊब सकता है ।
इसलिए सभी विषयों के लिए एक समय निश्चित कर लें और कोशिश करें कि एक दिन में सभी विषय को थोड़ा-थोड़ा समय दें । फिर लगभग एक-एक घंटे पर मन और दिमाग को आराम दें और अन्य कामों में अपना मन लगाएं या फिर संगीत सुनकर या मनोरंजन के अन्य साधनों का उपयोग कर अपने मन को ताजगी प्रदान करें ।
इससे आपका मन हमेशा तरोताजा बना रहेगा और आप जो भी याद करेंगे वह आप लम्बे समय तक याद रख सकेंगे ।

Study Tips: 7) पढ़ने के लिए एक अच्छे सहपाठी का चुनाव करें:

कहा गया है कि एक से भले दो । पढ़ाई के अच्छे वातावरण के लिए भी यह कहावत सटीक बैठता है, पढ़ने के लिए आप एक अच्छे सहपाठी का चुनाव करें ।
जब आप अकेले पढ़ रहे होते हैं तो पढ़ाई के दौरान कई ऐसे सवाल सामने आते हैं जिसपर आप कंफ्यूज हो जाते हैं, उस समय आप सोचते हैं कि काश कोई होता जिससे हम इस सवाल पर Discuss कर सकते ।
इसलिए जब आप एक अच्छे मित्र के साथ पढ़ाई करेंगे तो पढ़ाई से मन भी नहीं उबेगा और आपकी पढ़ाई की गुणवत्ता में भी सुधार होगा, फिर किसी मुश्किल सवाल को दोनों मिलकर आसानी से हल भी कर सकेंगे जिससे आपका आत्मविश्वास (Confidence) बढ़ेगा ।

Study Tips: 8) खुद को प्रेरित करें:

पढ़ाई के प्रति इच्छा जागृत रखने और आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप खुद को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करते रहें । सफलता पाने के लिए Motivation का होना अत्यंत आवश्यक है, यह Motivation आप खुद अपने-आप पैदा कर सकते हैं ।
जरूरी नहीं है कि आपको हर दिन आपके पेरेंट्स, टीचर या कोई और पढ़ने के लिए कहे तभी आप पढ़ाई (Study) करेंगे । पढ़ने की तीव्र इच्छा या यूँ कहें कि पढ़ने के प्रति भूख आपको अपने अन्दर खुद जागृत करनी होगी ।
इसके लिए आपको सबसे पहले अपने अन्दर सीखने की आदत डालनी होगी, जब यह आदत (Habit) आपको पड़ जाएगी तो आप खुद ही पढ़ने के प्रति प्रेरित (Inspire) होंगे । यह प्रेरणा आपको नित्य नई चीजों को सीखने और समझने के प्रति उकसाएगा और आप निर्धारित लक्ष्य के पीछे दौड़ पड़ेंगे ।
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Study Tips: 9) पौष्टिक भोजन लें:

Exam के मौसम में आपके दिल और दिमाग का तंदुरुस्त होना अत्यंत आवश्यक है, इसलिए Students को अपने भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।
भोजन में प्रोटीन की प्रचुरता के लिए हरी सब्जी को प्राथमिकता दें । साथ ही रेशेयुक्त भोज्य पदार्थ से आपकी पाचन शक्ति मजबूत बनी रहेगी, आप पेट की समस्या से ग्रसित नहीं होंगे । पाचन शक्ति में कमजोरी होने से आप पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाएंगे ।
साथ ही स्टूडेंट्स को चाय या कॉफी के अति उपयोग से भी बचना चाहिए, कुछ समय के लिए चाय या कॉफी के उपयोग से आपको ताजगी तो महसूस होती है परन्तु इसका लत पड़ना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ।
अगर आप स्वस्थ्य नहीं रहेंगे तो लाख कोशिश करने के बावजूद आप सफलता पाने में असमर्थ होंगे ।
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Study Tips: 10) कंसंट्रेशन पॉवर बढ़ाएं:

स्टूडेंट्स के लिए ‘कंसंट्रेशन पॉवर’ एक रामबाण है । जिस स्टूडेंट का इसपर अधिकार हो जाता है उसे सफलता (Success) पाने से कोई नहीं रोक सकता ।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड विनर मेमोरी गुरु बिस्वरूप रॉय चौधरी Concentration को सफलता के लिए सबसे बड़ा हथियार मानते हैं । वह कहते हैं – अपना ध्यान पूरी तरीके से एक ही काम पर लगाएं, जब तक काम पूरा न हों तब तक दूसरे अन्य काम को भूल जाएँ, एक ही समय में बहुत सारे कार्य करने की कोशिश से सभी कार्य अधूरे रह जाते हैं ।
बिस्वरूप रॉय चौधरी का स्टूडेंट्स के लिए यह सलाह बिल्कुल सही है, आपको याद रखना चाहिए कि आपका कंसंट्रेशन पॉवर तभी मजबूत हो सकता है जब आप अपने मन पर कंट्रोल कर लेते हैं । इसलिए जरूरी है कि आप अपने मन पर कंट्रोल करें और ध्यान के साथ-साथ मन और तन को मजबूत करने के लिए अपनी संस्कृति की सबसे प्राचीन विद्या योग का सहारा लें ।
  • Also Raed: मन को एकाग्रित करने के उपाय (Concentration Tips in Hindi)
आप अकादमिक पढ़ाई कर रहे हों या फिर किसी कम्पटीशन की तैयारी कर रहे हों, उपरोक्त टिप्स के अनुसार अगर आप पढ़ाई करते हैं तो हमें उम्मीद है कि आपको जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी ।
हम सभी Students को स्पष्ट कहना चाहते हैं कि गुण और क्षमता सभी के अन्दर एक समान होते हैं, जरूरत केवल इस बात की होती है कि कौन अपने गुण और क्षमता का सही इस्तेमाल करता है और कौन गलत । गुण और अपनी क्षमता को निखारना आपके अपने वश में है ।
साथ ही जरूरत इस बात की भी होती है कि आपको एक अच्छा और नेक मार्गदर्शक मिले जो आपकी प्रतिभा को निखार सके, इस ब्लॉग के माध्यम से हमने आपकी प्रतिभा को निखारने और आपका हौसला बढ़ाने के साथ-साथ ऐसी ढेरों बातें बताई है जिससे आप भरपूर फायदा उठा सकते हैं और परीक्षा के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षा में भी अव्वल आने का प्रयास कर सकते हैं ।
इस ब्लॉग के लिए अगर आप कोई सलाह देना चाहते हैं तो हम आपके विचारों का तहे दिल से स्वागत करेंगे । हम यह भी चाहते हैं कि यह ब्लॉग आपको कैसा लगा और आपके लिए कितना सहायक रहा, कमेंट ज़रूर लिखें. आपके कमेंट से हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा और हम इसी तरह से खास जानकारी आपके साथ शेयर करते रहेंगे ।
तो मित्रों यह थी 10 Study Tips in Hindi उम्मीद है की आपको यह Tips बहुत पसंद आई होगी और इस टिप्स की मदद से आप आने वाली Exams में अव्वल नंबर हासिल कर अपने सपने साकार करेंगे ऐसा हमें विश्वास है ।

IAS Motivational Story – एक आत्मसम्मान की कहानी जो आपकी सोच बदल देगी



IAS Motivational Story – एक आत्मसम्मान की कहानी जो आपकी सोच बदल देगी



IAS Topper Success Story in Hindiनमस्कार दोस्तो, आपके सामने आज हम एक ऐसी आत्मसम्मान की कहानी पेश करने जा रहे है जो आपकी सोच बदल देगी और आप अपने लिये और अपनो के लिये कुछ ऐसा करने का व्रत लेंगे जो आपने खुद कभी सपने में भी नही सोचा होगा !
ये कहानी आईएएस गुरू शरद तिवारी ”नि:शब्द” द्वारा लिखी गई है , तो चलिये दोस्तो शुरु करते है –

IAS Topper Success Story in Hindi

गली के नुक्कड़ की चाय की दुकान अड्डा थी चौधरी जी एवं खान चाचा की राजनीतिक एवं धार्मिक चर्चा की .जहाँ दोनों दिन भर के काम से थके हारे अपना अनुभव साझा करते थे और थोड़ी हंसी मजाक के बाद घर लौट जाते थे ! चौधरी जी जहाँ लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर थे वहीँ खान चाचा इण्टर कॉलेज में प्राध्यापक ! दोनों रोज की तरह ही चर्चा में लगे हुए थे तभी अचानक खान चाचा ने चौधरी जी का ध्यान खींचते हुए कहा चौधरी जी ये तो अपना सुमित है ना ? चौधरी जी ने नजर दौड़ाई तो उनका बेटा सुमित किसी लड़की के साथ बाइक पर तेजी से चला जा रहा था और वह लड़की भी इतनी अभद्र अवस्था में बैठी हुई थी कि चौधरी जी को भी शर्म आ गयी ! लेकिन अगले ही पल अपनी झेंप को मिटाते हुए चौधरी जी ने कटाक्ष किया कि चाचा …चौधरियों का खून है .. गर्म तो होगा ही और ये उम्र भी ऐसी होती ही है ..इस बात पर दोनों ठहाके लगाकर हंस पड़े ….पर कुछ देर बाद सामने से ही चौधरी जी की बेटी किसी लड़के के साथ बाइक पर घर की तरफ जा रही थी हालाँकि यह बहुत ही सभ्य अवस्था में बैठी थी ..पर थी तो लड़की न ? .. चाचा ने व्यंग्य भरी निगाहों से चौधरी जी की तरफ देखा और चौधरी जी इस बार चुप रहे ! ..जल्दी ही दोनों ने चाय ख़त्म की और चौधरी जी घर की ओर तेजी से चल पड़े ! गुस्से से उनका चेहरा तमतमा उठा था !
चौधरी जी के दो बच्चे थे बड़ी बेटी श्रेया और छोटा बेटा सुमित ! श्रेया परास्नातक अंतिम वर्ष में थी और सुमित स्नातक अंतिम वर्ष में ! इंजीनियर का बेटा एवं छोटा होने के कारण सुमित लाढ प्यार में बिगड़ गया था हालाँकि श्रेया भी फैशन एवं शौक बहुत रखती थी किन्तु वह सुमित की तरह अय्याश नहीं थी ! आज उसका परास्नातक का अंतिम पेपर था एवं कॉलेज में ही सीढ़ियों से उतरते समय वो लड़खड़ा गयी जिससे उसके पैर में हल्की सी मोच आ गयी ! राहुल ( जो उसका जूनियर था और उसको दीदी बोलता था और बहन की तरह मानता भी था ) के साथ घर आ रही थी तभी चाचा और चौधरी जी की नजर उसपर पड़ी और हंगामा खड़ा हो गया ! चौधरी जी को सच पता नहीं था !! इधर जैसे ही चौधरी जी गुस्से में घर पहुंचे ..श्रेया और सुमित ने अपनी अपनी फरमाइशें रख दी …सुमित बोला पापा मुझे पीसीएस की तैयारी करने दिल्ली जाना है और श्रेया ने कहा पापा मैं एमफिल करना चाहती हूँ …लेकिन श्रेया चौधरी जी के गुस्से से बिलकुल अंजान थी ! उसके इतना कहने पर चौधरी जी उसपर बरस पड़े … उन्हें खुद नहीं पता था कि वो क्या कहे जा रहे हैं … मां ने जब पूछा कि आखिर उसकी गलती क्या है ..तो बोले की सडकों पर लड़कों के साथ घूमती है ..मेरी इज्जत तार तार कर दी .इसको आगे पढ़ने से अच्छा है इसका मुंह जल्दी से काला कर दो … श्रेया को बहुत बड़ा धक्का लगा ..जिनपर वो इतना ज्यादा यकीन भरोसा करती है उनको जरा भी यकीन नहीं है अपनी बेटी पर …… श्रेया के आंसू भर आये …और भरे हुए गले से बोली ..पापा जरा सा तो यकीन कर लिया होता … एक बार सच जानने की कोसिस तो की होती …और इतना कहकर वो ऊपर अपने कमरे में चली गयी …..!
कमरे में अपने पापा की बातों को याद करके बार बार रोती रही और रोते रोते जाने कब उसे नींद आ गयी … ! रात में मां खाने के लिए जगाने भी आई पर उसने खाना खाने से मना कर दिया …मां ने जब सच्चाई बताई तो चौधरी जी को अपने किये पर पछतावा हुआ …..अगली सुबह श्रेया देर से उठी और उस दिन भी उसने न तो खाना खाया और न ही किसी से बात की …सबने बहुत मनाया और माफ़ी मांगी पर पता नहीं इस बार जख्म कुछ गहरे थे वो बार बार पापा की बातों को याद करके रो रही थी ! मम्मी पापा ने सोचा कि धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा अभी गुस्सा है लेकिन ऐसा नहीं हुआ कहते हैं न “””” कि जीभ में लगे जख्म जल्दी ठीक हो जाते है लेकिन जीभ से लगे जख्मों को भरने में बहुत समय लगता है “”” कुछ यूँ ही श्रेया के साथ भी हुआ… अगले दिन एमफिल के आवेदन की अंतिम तिथि थी लेकिन श्रेया ने आवेदन नहीं किया .उसे इस बात का दर्द था की किसी ने उससे एक बार भी नहीं कहा की बेटी तू पढ़ ….अब श्रेया खाना तो खाने लगी थी पर उसका स्वभाव बहुत बदल गया था … अगली सुबह सुमित दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गया और उसे आशीर्वाद देते समय पापा इतने खुश थे जैसे वह पीसीएस बनने नहीं बनकर जा रहा हो ! .. .. बस श्रेया ने भी फैसला कर लिया की अगर पीसीएस इतनी अच्छी चीज है जो उसका खोया हुआ आत्मसम्मान वापस दिला सकती है तो वह पीसीएस बनकर दिखाएगी …! पर कैसे ..? ..इसके बारे में उसे कुछ नहीं पता था …पर भरोसा था उसे अपनी जिद पर …!
उसने इंटरनेट में खोजना शुरू किया … थोड़ा मिला तो और रूचि जगी … इस थोड़ा थोड़ा करके उसने पीसीएस के बारे में सबकुछ पता कर लिया …जाने कितनी websites और पेज सर्च किये …और तीन दिन में उसे सब कुछ मालूम चल गया की इसका पाठ्यक्रम कैसा है ..? .. कैसे पेपर आते हैं ..? ..पेपर में किस प्रकार के प्रश्न आते हैं ..? .. फॉर्म कब निकलते हैं आदि आदि …. अभी अप्रैल चल रहा था और उसे पता था की पेपर मार्च में होगा यानि उसके पास लगभग 10 माह का समय है …websites के माध्यम से उसने बुक लिस्ट तैयार करी ..कि आखिर उसे कितनी बुक्स की जरुरत पड़ेगी ..? …पर सवाल था की बुक्स कौन लेकर आये …? क्योंकि वह बाहर नहीं जाना चाहती थी ..इसके लिए उसने न्यूज़ पेपर लाने वाले लड़के चंदू को चुना ..क्योकि ज्यादातर पेपर के लिए श्रेया ही गेट खोलती थी … उसने चंदू को लिस्ट थमा दी और बोली की ये बुक्स तू ले आ तो तुझे 100 का दूंगी पर हाँ किसी को पता न चलने पाये एक एक करके ही लाना ..चंदू खुश हो गया…..!!
उसदिन श्रेया ने अपना सारी दिनचर्या व्यवस्थित कर ली ..किस समय क्या क्या करना है सब फिक्स हो गया … अगली सुबह एक नयी सुबह थी … हर दिन 7 या 8 बजे उठने वाली श्रेया आज 4 बजे ही उठ गयी थी ..सारे काम जल्दी जल्दी ख़त्म करके … लॉन में पढ़ाई के लिए बैठ गयी ..पापा ऑफिस चले गये थे और मां काम में लगी हुई थी … घर वालों को उसके बदले हुए स्वभाव का अहसास हो गया था …शाम में पापा के वापस आने पर मां ने उनसे जिक्र किया ..कि अपनी बेटी अब सुधर गयी है …..पहले गर्मियों में दोस्तों के साथ बाहर घूमने जाया करती थी .., सारी गर्मियों में जाने कितनी फ़िल्में खत्म हो जाती थी … पर इस बार …..इतना कहकर उनका गला भर आया ….. !! …श्रेया के लिए अब शादी , पार्टी , पिकनिक आदि के मायने खत्म हो गए थे …. उसकी दुनिया उसके अपने कमरे तक थी और उसकी दोस्त उसकी अपनी किताबें …जब कभी बोर होती तो कमरे कि खिड़की से खड़े होकर बाहर का नजारा देखती …… और पुरानी बातों को याद करके फिर से थोड़ा रो लेती ……. उसकी अपनी फ्रेंड्स भी तैयारी करने या आगे पढ़ने बाहर चली गयी थी और वहां उनको नए दोस्त मिल गए जिसके बाद उन्होंने श्रेया से बात करना बहुत कम कर दिया ….. इसका कारण यह भी था कि उनको लगता था कि श्रेया अब घर में कुछ नहीं कर पायेगी … !! ..
मम्मी ने भी उसे बहलाने कि बहुत कोसिस की उसके मां का खाना बनाया , उसे बार बार समझाया ..कई बार तो जो टीवी प्रोग्राम श्रेया को बहुत पसंद होते थे मम्मी उन्हें लगाकर ..वॉल्यूम बढ़ा देती थी ताकि कोई वजह हो जिससे वह किसी तरह नीचे आ जाये ..पर श्रेया अब पूरी बदल चुकी थी ….. समय बीतता गया और श्रेया भी दिन रात मेहनत करती रही ….आखिर वह दिन भी आ गया जिस दिन उसकी प्रारंभिक परीक्षा थी …श्रेया ने मां से कहा आज एक फ्रेंड की पार्टी है मुझे जाना है …. मम्मी ने उसे नहीं रोका क्योंकि 10 महीने में पहली बार वह घर से बाहर निकल रही थी …उसने प्रारंभिक परीक्षा दी .. और घर आकर फिर दुगनी तेजी से मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट गयी … कुछ दिनों बाद प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम आया सुमित ने फ़ोन करके घर बताया कि उसने प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली है …. मम्मी पापा के खुशियों का ठिकाना नहीं रहा .. पास तो श्रेया भी थी पर उसने किसी को नहीं बताया था कि वह पीसीएस की तैयारी भी कर रही है !
कुछ दिनों बाद मुख्य परीक्षा भी आ गयी फिर श्रेया ने कुछ बहाने बनाकर मुख्य परीक्षा दी … और फिर से तैयारी में जुट गयी …. मुख्य परीक्षा का परिणाम आया और इस बार भी श्रेया पास हुई पर सुमित पास नहीं हुआ था उसे अपनी ख़ुशी से ज्यादा अपने भाई का दुःख था ….. श्रेया ने इंटरव्यू की तैयारी की और उसका इंटरव्यू भी अच्छा गया ….. अब वह अंतिम परिणाम की प्रतीक्षा करने लगी और वो दिन भी आ गया जिस दिन उसका अंतिम परिणाम आना था ….. श्रेया ने जल्दी ही सारे काम खत्म किये और लैपटॉप खोलकर बैठ गयी ….पर रिजल्ट में अभी भी coming soon ही शो हो रहा था ..वह निराश हो गयी और एक उपन्यास पढ़ने लगी …पढ़ने में इतना तल्लीन हो गयी की समय का पता ही नहीं चला और तभी दिव्या दीदी का फ़ोन आया …श्रेया तूने अपना रिजल्ट देखा …? …मैं तो सेलेक्ट हो गयी हूँ …श्रेया बोली दीदी मैं देख बताती हूँ … श्रेया को बहुत दर लग रहा था …धडकने बढ़ गयी थी …उसने वेबसाइट खोली और लिस्ट चेक करने लगी ….उसने ऊपर से 50 नंबर तक देखा पर उसका नाम नहीं था ….वो बहुत दर गयी .. अब वह नीचे से देखने लगी … नीचे से ऊपर आते समय 73 नंबर पर उसने अपना रोल नंबर देखा ..एक बार फिर मिलाया …फिर कई बार मिलाया उसे यकीन नहीं हो रहा था ….
उसने तुरंत फेसबुक प्रोफाइल खोली और 10 माह बाद अपडेट किया …..””” Finaly I am Selected In PCS with 73 rank “” .. और उसपर उसकी फ्रेंड्स का massage आया ….. गुड जोक और दूसरे का कि अच्छा मजाक है तेरे बस की बात नहीं ….. और एक का आया कि मुझे यकीन था कि तू एक दिन बनेगी .श्रेया के सामने उसके सपनों की दुनिया पंख फैलाए खड़ी थी …! … सुमित ने पोस्ट पढ़ी और तुरंत पापा को घर फ़ोन किया …. चौधरी जी को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था ..वो दौड़ कर ऊपर श्रेया के कमरे में पहुंचे …. श्रेया कि आँखों में उन जख्मों का दर्द साफ झलक रहा था जो चौधरी जी ने उसे बहुत पहले दिए थे …चौधरी जी ने उसे गले से लगा लिया …और दोनों फफक फफक कर रो पड़े …. दोनों कि आँखे बरस रही थी ..बस फर्क इतना था कि एक कि आँखों में प्रायश्चित के आंसू थे तो दूसरे की आँखों में आत्मसम्मान के ….!!!!

क्या आप समय की सच्चाई जानते है? Time management for success in Hindi with 10 quotes


क्या आप समय की सच्चाई जानते है? Time management for success in Hindi with 10 quotes. 


समय क्या है ? यह जानना किसी के लिये तब ज्यादा
जरुरी हो जाता है, जब उसे अपने life मे समय की
कमी महशुस होने लगती है! मै आज time mana-
gement के बारे मे वो बाते लिख रहा हुँ | जो कि
समय की एक सच्चायी है, चाहे वह एक student हो,
Businessman हो, या job करता हो, ये सभी
के ऊपर बाते फिट बैठती है|तो चलिये दोस्तो जानते
है ! कि समय क्या है और इसे कैसे मैनेज करते है|


तो दोस्तो अब सवाल यह है कि समय क्या है| जब
एक शिशु जन्म लेता है तो कुछ सालो बाद वह एक
बालक बनता है फिर कुछ सालो बाद एक किशोर
बनता है और फिर एक नवयुवक, तो आप देखेते है
कि शिशु कुछ सालो बाद किशोर बनता है तो यह
समय ही तो है, जो कि उसे नवयुवक बनने मे भी
समय ही लगता है, एक पौधे को एक वृक्ष बनने मे
समय लगता है तो मतलब साफ है कि आज हम
जो है वह समय ही है, आप एक Engineer बनते
,Doctor बनते है तो आप उसमे समय ही लगाते है|

किसके पास कितना Time है?

आप तो यह अच्छी तरह तरह जानते है कि यदि
आज हम कुछ लोगो कि महानता के बारे मे पढ़ते
जो कि आज एक सफल व्यक्ति है तो एसा नही है
कि nature ने उसे 24 की जगह 48 घण्टे दिये 
थे, उसे भी वही 24 घण्टे मिले थे जो कि आज
आपके पास है| बस सवाल यह है कि हम इन 24
घण्टो को मैनेज कैसे करते है|


क्यो जरुरी है Time management

आज कोई बड़ा मुकाम हासिल करता है तो आप उसके
जीवन के बारे मे जानेगें तो पायेगे कि उसने time
Management को पहली प्राथमिकता दि तो दोस्तो
यदि आप success होना चाहते है तो आपको अपने
समय को साधना सिखना पड़ेगा|


कैसे करे time को manage

समय को मैनेज करने के लिये अपने सुबह उठने से
लेकर रात को सोने तक यह जानने कि कोशिश करे
कि आप इस समय जिस मुकाम को हासिल करना 
चाहते है उसमे 24 घण्टे मे से कितना समय दे रहे
न हो तो आप उन हर घण्टे को note करे जो आप
अपने उस काम मे लगा रहे है जो आप के लिये 
सबसे मुख्य कार्य है| यदि आप अधिकतम समय
लगा रहे है तो ठिक है नही तो यह आपके उस
मुकाम को हासिल करने मे बाधा बन सकता है 
जिसे कि आप हासिल करना चाहते है| क्योकि
हर इन्सान को जीवन मिला है तो कुछ करने लिये
तो हर व्यक्ति अपना एक लक्ष्य बनाता है तो उसे
अपना अधिकतम समय अपने aim मे ही लगाने
का हक बनता है न कि खाने, पीने, नहाने-धोने
,घुमने, T.V. देखने, घुमने, या गप्पे लड़ाने मे | तो
आप ही तय करे कि आप अपना अधिकतम समय
कहा लगा रहे है|


 महान लोगो द्वारा कहे गये 10 time Quotes


1: समय सीमा पर काम खत्म कर लेना ही काफी
    नही है, मै समय सीमा से पहले काम खत्म कर
    लेना जरुरी समझता हुँ|
Dheeru Bhai Ambani



2: एसा व्यक्ति जो एक घण्टे का भी समय बरबाद
    करता है, उसने अभी जीवन के मुल्यो को नही
    समझा है|
Charls  Darvin


3: आपका समय सीमित है, इसलिये इसे किसी और
    कि जिदंगी जीकर व्यर्थ मत कीजिये| बेकार की
    सोच मे मत पड़ीये, अपने जीवन को दुसरो के
    हीसाब से मत चलाईये, औरो के विचारो की सोर
    मे अपनी अन्दर की आवाज, अपने सहज ज्ञान
    को डुबने मत दीजिये, वे पहले से ही जानते है कि
    तुम सच क्या बनना चाहते हो| बाकि सब गौड़ है|
Steve Jobs





4: कल तो चला गया| आने वाला कल अभी आया
    नही है| हमारे पास केवल आज है| आइये
    शुरुवात करे|
Mother Teresa


5: दिन मत गीनो , दिन को अर्थपुर्ण बनाओ|
Mohammad Ali


6: तितली महीने नही क्षण गिनती है और उसके पास
    पर्याप्त समय होता है|
Ravindra Nath  Tagor


7: आप रुक सकते है लेकिन समय नही रुकता|
Benjamin Franklin


8: मैने समय नष्ट किया, अब समय मुझे नष्ट कर
    रहा है|
Vilium Sekspear 

9: बुरे वक्त की वैज्ञानिक अहमियत है| एसे अवसर
    को एक अच्छा शिक्षार्थी नही खोना चाहेगा|
Rolf Waldo Emerson


10: इंतजार मत करीये| सही समय कभी नही आता|
Nepolian Hill


तो दोस्तो समय आपका है, इसलिये आप ही तय करे
कि इसे आज खा उड़ा कर कल इसकी भरपायी करने
मे अपना जीवन व्यर्थ करेगें या इसकी कद्र कर कल
अपने जीवन का आनन्द उठायेगें|

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सीखना बन्द तो जीतना बन्द 5 tips for success in life college education in hindi

सीखना बन्द तो जीतना बन्द 5 tips for success in life college education in hindi



ये सच ही कह गया है कि यदि आप अपने field
मे या अपने कार्य क्षेत्र मे लम्बी रेस का घोड़ा बनना
चाहते है तो सीखना कभी बन्द न करे क्योकि यदि
सीखना बन्द तो जीतना बन्द| दरअसल होता यह
है कि हम कोई कार्य शुरु करते है और उसमे सफल
हो जाते है तो हमे लगता है कि अब हम सब कुछ
जानते है| और हमे अब कुछ सिखने कि जरुरत
नही है, बस यही से हमारा backup शुरु हो जाता
है और या तो हम एक ही जगह लटके पड़े रहते है,
या धीरे-धीरे नीचे आने लगते है| आइये एक story
यानी कि कहानी मदद से इस बात को समझते है|


एक youngster ने पढ़ाई पुरी की और बिजनेस
करने कि सोची और सब कुछ तैयारी पुरी करने के
बाद उसने एक शहर मे जाकर business का
काम शुरु किया और उसने अपने सुझ-बुझ से जल्द
ही सफलता प्राप्त कर ली फिर क्या था| अब उसके
पास अपना एक खुद का बनाया हुआ करियर था|
लेकिन उसे अपनी इस सफलता पर खुमार हो गया
और उसने सोचा कि अब मै सब कुछ जानता हुँ,
अब मुझे कुछ सिखने कि जरुरत नही है| हुआ
यह कि वह अब market मे फ्लॉप होने लगा
क्योकि उसके competitor उससे आगे निकलने
लगे| अब इस youngster को कुछ समझ नही
आ रहा था कि क्या करे| तब काफि सोच- विचार
करने के बाद पता चला कि उसके competitor
उससे कही ज्यादा market कि समझ व नये
जमाने के हिसाब से business की बारीकिया
जानते थे| तब उसे इस बात का एहसास हुआ कि
मै तो इनकी अपेक्षा मै कुछ भी नही जानता|
तो दोस्तो आपने देखा कि वह सफल तो हो गया
लेकिन उसे बनाये नही रख सका क्योकि उसे लगा
कि वह सब जानता है|


सर आईसक न्युटन ने कहा था कि जो हम जानते है
वह एक बुदँ है और जो नही जानते वह एक महा-
सागर,, तो यदि आप सफल हो जाते या उस मुकाम
पर पहुँच जाते है जहाँ आप पहुँचना चाहते थे तो
फिर भी आप यह न सोचे मुझे अब कुछ जानने
सिखने कि जरुरत नही| नीचे कुछ टिप्स दिये गये
है| जिन्हे आप follow करके अपने success
को बनाये रख सकते है|


1) सफलता को सर पर न चढ़ने दे!
कहा जाता है सफलता को पाना जितना जरुरी
होता है उससे भी ज्यादा जरुरी होता है, उसे
पचा पाना, इसलिये सफलता को सर पर न
चढ़ने दे|


2) असफलता को न भुले!
बिल गेट्स जो दुनिया के धनी व्यक्तियो मे गीने जाते
है, ने एक बहुत अच्छी बात कही थी कि सफलता
एक घटिया शिक्षक है जो लोगो मे यह सोच पैदा
कर देती है कि वह कभी असफल नही हो सकते,,
इसलिये असफलता को न भुले|


3) हर चिज से सिखने का प्रयास करे!
दोस्तो जीदंगी हमे हर मोड़ पर सीखाती है| हमे
उसे accept करना आना चाहीये तो यदि आप
कभी असफल भी हो जाये तो उससे निराश होने
कि बजाय सिख लेने का प्रयास करे| ये भी पढ़े
थॉमस आल्वा एडिसन इसके अच्छे उदाहरण
है जो अपनी हर असफलता को सिखने का
जरीया मानते थे|


4) सिखने की कोई उम्र नही होती!
यह बाद आपके लिये तब ज्यादा important
हो जाती है जब आप सिखने मे उम्र को जिम्मेदार
मानने लगते है| लेकिन ये बात भी ध्यान रखे कि
सीखने कि कोई उम्र नही होती| उम्र को इसमे
बाधा न बनने दे|


5) रखे पैनी नजर!
मतलब यह कि आप हमेसा अपने चारो तरफ नजर
रखे और यह जानने का प्रयास करे कि आप जिस
क्षेत्र मे है, उससे related क्या नही चिज आयी
है जिसकी जानकारी अभी आपको नही है|




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सफ़लता चाहिए तो स्वार्थी बनो | Hindi Motivational Article

सफ़लता चाहिए तो स्वार्थी बनो | Hindi Motivational Article


 सफ़लता चाहिए तो स्वार्थी बनो | Hindi Motivational Article

स्वार्थी या सेल्फिश – ये वर्ड सुनते ही आपके दिमाग में पहला ख्याल क्या आता है  ?

हमारे दिमाग में एक ऐसे इंसान की तस्वीर आती है जो अक्सर अपने फायेदे के लिए दूसरों को धोखा देता हो.. है न

लेकिन क्या आप जानते हैं की अगर एक सही तरीके से स्वार्थी या सेल्फिश बना जाए तो इससे हम अपनी जिंदगी में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं वो भी बिना किसी को धोखा diye यान बिना किसी का नुक्सान किये .

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का सक्सेस टीवी पर और आज हम बात करेंगे एक ऐसी क्वालिटी के बारे में जो लगभग हर सफल इंसान में पायी जाती है, अगर आपने ये एक क्वालिटी अपने अन्दर पैदा कर ली – तो यकीन मानिये आप ऐसी बहुत सारी अनचाही सिचुएशन से बच सकते हैं जो जाने अनजाने आपको दुखी – निराश और परेशान करती रहती हैं.

सफ़लता चाहिए तो स्वार्थी बनो
सफ़लता चाहिए तो स्वार्थी बनो

आज हम लोग बात करेंगे सेल्फिश्नेस की – क्या ये हमारे अन्दर होनी चाहिए-और अगर होनी चाहिए तो कैसे और किस हद तक होनी चाहीये ….

अक्सर जो इंसान दूसरों को अपने फायेदे के लिए धोखा देता है उसे हम लोग सेल्फिश कहते है,

लेकिन क्या आप जानते हैं की आपके आस पास के ज्यादातर लोग हमेशा आपका गलत फायेदा उठाने की फिराक में रहते है बल्कि मैं तो ये कहूँगा की जो इंसान हमेशा अच्छा बनने की कोशिश में रहता है उसे लोग बहुत बुरी तरह से इस्तेमाल करते हैं,

मुझे पता है आपके साथ ऐसा कई बार हुआ है – इसलिए जब मैं आपसे कहता हूँ की स्वार्थी बनो तो इसका मतलब ये नहीं की किसी को धोखा दो – बस इतनी कोशिश कीजिये की आप हर उस इंसान को यान हर उस काम को न कहना सीख लीजिये जो आपके लिए जरुरी या फायेदेमंद नहीं है.

मतलब आप लोगों के लिए useful बनिए लेकिन किसी को खुद को यूज़ मत करने दीजिये. अक्सर होता क्या है – अच्छे बनने के चक्कर में यां किसी को बुरा न लगे इसलिए हम बहुत सारी ऐसी चीजों के लिए भी हाँ बोल देते हैं- जिनसे हमारा खुद का नुक्सान होता है – अब ये नुक्सान हमारे टाइम का भी हो सकता है और हमारे पैसे का भी हो सकता है. और हमारी खुशियों का भी हो सकता है.

आपके आस पास हमेशा ऐसे बहुत सारे लोग रहते हैं जो ये जानते हैं की आप उन्हें इनकार नहीं करेंगे इसलिए वो अक्सर आपके ऊपर कई तरह के प्रेशर बनाते रहते है- अब इस कंडीशन में होता ये है की आप उन्हें इनकार कर नहीं पाते और जो उन्होंने कहा है उसे करने के लिए आपका मन नहीं होता- और ऐसा करते करते आप अपनी जिंदगी के मकसद को तो भूल ही जाते हैं,

लेकिन अगर आप किसी भी सफल इंसान को देखें तो आपको उनके करैक्टर में ये चीज बड़ी साफ़ साफ़ दिखाई देगी की वो लोग अपनी बातों को लेकर अपने डिसीजन को लेकर बड़े क्लियर होते हैं- वो लोग किसी किसी को खुश करने के लिए अपना नुक्सान कभी नहीं करते- इसलिए उनके पास पूरा वक्त होता है खुद पर फोकस करने का – जिसकी वजह से वो हमेशा आगे बढ़ते रहते हैं

तो फ्रेंड्स अगर आप भी चाहते हैं की आप बेमतलब की टेंशन से बचे रहें तो गैरजरूरी चीजों की न कहना सीख लीजिये- और खुद पर फोकस कीजिये.

आज का सवाल भी यहीं है की क्या आप भी खुद से ज्यादा दसरों पर ध्यान देते हैं ?

जवाब कमेंट वॉक्स में जरुर बताएं –